Wednesday, August 8, 2007

मुशर्रफ को चुनौती दे सकते हैं अहसान

इसलामाबाद। पाकिस्तान के जाने-माने वकील चौधरी एतजाज अहसान आगामी राष्ट्रपति चुनाव में जनरल मुशर्रफ के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकते है। उनकी उम्मीदवारी प्रबल होती जा रही है।
अहसान मुशर्रफ के सर्वाधिक प्रबल प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर रहे है। मीडिया के मुताबिक उनके रास्ते में एकमात्र रुकावट यह है कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी मुशर्रफ के साथ राजनीतिक सौदेबाजी में लगी हुई है। अगर इस पार्टी का मुशर्रफ के साथ गठजोड़ हुआ तो वह मुशर्रफ के पक्ष में मतदान कर सकती है। ऐसे में अहसान की चुनौती कमजोर पड़ जाएगी।
अहसान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी को निंलबित किए जाने के फैसले के खिलाफ चले आंदोलन में अग्रिम पंक्ति के नेता रह चुके है। देश के वकीलों और जनता को इस मुद्दे पर गोलबंद करने में अहम रोल अदा किया। वे पाकिस्तान के सर्वाधिक सफल वकीलों में से एक माने जाते है।
अहसान खुद भी पीपीपी के नेता है। लेकिन उनकी पार्टी की नेता बेनजीर भुट्टो मुशर्रफ के साथ राजनीतिक सौदेबाजी में लगी हुई है। विपक्षी पार्टियों ने अहसान की उम्मीदवारी पर मंथन शुरू कर दिया है। पाकिस्तान ऑनलाइन ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पार्टी पीएमएल-एन, दक्षिणपंथी सियासी गठबंधन मुत्ताहिदा मजलिस ए अमल और पाकिस्तान अप्रेस्ड नेशंस मूवमेंट (पोनम) के नेता अहसान की उम्मीदवारी का समर्थन करने को तैयार है।
अहसान ने मुशर्रफ के खिलाफ चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। देश में 15 सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। अहसान ने अंतिम फैसला लेने की जिम्मेदारी विपक्षी दलों पर छोड़ दी है। अहसान फिलहाल पीपीपी के सांसद भी है। वे बेनजीर सरकार में विधि मंत्री रह चुके है

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